01.पृथ्वी की सतह से किसी वास्तु को अनंत पर पहुचने के लिए दी जाने वाली आवश्यक गतिज उर्जा होगी -
(अ) अनंत
(ब) 2mgR
(स) 1/2mgR
(द) mgR
उत्तर -- (स) 1/2mgR
02. गुरुत्वाकर्षण की क्षेत्र की प्रकृति होती है -
(अ) संरक्षी क्षेत्र
(ब) असंरक्षी क्षेत्र
(स) परिनालिकीय क्षेत्र
(द) छदम क्षेत्र
उत्तर -- (अ) संरक्षी क्षेत्र
03. यदि किसी पिंड का कोणीय संवेग संरक्षित हो तो -
(अ) रेखीय संवेग अचर होता है
(ब) गति एक तल में होता है
(स) क्षेत्रीय वेग अचर होता है
(द) त्वरण त्रिजीय होती है
उत्तर -- (स) क्षेत्रीय वेग अचर होता है
04. जब कोई कण केन्द्रीय बल के अंतर्गत गति करता है तो उसकी गति होती -
(अ) एक तल में
(ब) त्रिवीय स्पेस में
(स) कुंडलिनी के अनुदिश
(द) None
उत्तर -- (ब) त्रिवीय स्पेस में
05. कोणीय संवेग संरक्षित होने का तात्पर्य है की -
(अ) उर्जा अचर है
(ब) क्षेत्रीय वेग अचर है
(स) रेखीय संवेग अचर है
(द) गति एक तल में नहीं है |
उत्तर -- (ब) क्षेत्रीय वेग अचर है
06. बल केंद्र के परितः केन्द्रीय बल के अंतर्गत गतिशील कर्ण के लिय नियत रहता है -
(अ) कोणीय त्वरण
(ब) रेखीय त्वरण
(स) त्वरण
(द) गति एक तल में नहीं है |
उत्तर -- (अ) कोणीय त्वरण
07. यदि कोई कर्ण केंदीय बल के अंतर्गत अतिशील कर्ण के लिए नियत रहता है -
(अ) कोणीय संवेग अचर रहता है पर उर्जा नहीं
(ब) उर्जा अचर रहती है पर कोणीय संवेग नहीं
(स) कोणीय संवेग और उर्जा दोनों अचर रहते है
(द) न तो कोणीय संवेग और न ही उर्जा |
उत्तर -- (स) कोणीय संवेग और उर्जा दोनों अचर रहते है
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